संवाद 1017: संत श्री प्रेमानंद जी महाराज के उत्तरों में छिपे दिव्य रहस्य

1. सेवा से मृत्यु: क्या यह संभव है? प्रश्न: क्या किसी जीव की सेवा करने से उसकी मृत्यु हो सकती है? क्या मैं मनहूस हूं? महाराज जी का उत्तर:सेवा से किसी की मृत्यु नहीं होती। अगर किसी ने सेवा की और जीव मर गया, तो इसका अर्थ यह नहीं कि सेवा कारण बनी। मृत्यु तब

माला-1010 : ” निंदा और दोष दर्शन रोकने का मार्ग ?” – प्रेमानंद महाराज के ज्ञान समुद्र से

प्रेमानन्द महाराज जी

🕉️ 1. कर्म में असफलता मिले तो क्या करें ? प्रश्न: बार-बार असफलता मिल रही हो तो कर्म बदल दें या करते रहें? उत्तर (प्रेमानंद महाराज जी):महाराज जी कहते हैं कि यदि एक कर्म में निरंतर असफलता मिल रही हो, तो उसमें अटककर नहीं बैठ जाना चाहिए। पहले उस कार्य की त्रुटियों को पहचानो —